रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राज्य की महिलाओं के लिए एक विशेष उपहार की घोषणा की है। ‘मंईया सम्मान योजना’ के तहत राज्य सरकार महिलाओं को 7,500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। यह राशि तीन महीनों (जनवरी, फरवरी और मार्च) की किस्तों के रूप में दी जा रही है, ताकि महिलाएं होली, बाहा पर्व और ईद जैसे त्योहारों को उल्लासपूर्वक मना सकें।
योजना का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य झारखंड की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। राज्य सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए कई योजनाएं चला रही है, और ‘मंईया सम्मान योजना’ उनमें से एक महत्वपूर्ण पहल है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जानकारी देते हुए कहा कि राज्य की सभी पात्र महिलाओं के बैंक खातों में 7,500 रुपये की सम्मान राशि भेजी जा रही है।
किन्हें मिलेगा लाभ?
सरकार ने योजना के लाभुकों की पात्रता की जांच के बाद पाया कि 37,55,233 महिलाओं के बैंक खाते आधार से लिंक्ड हैं, जिनमें यह राशि ट्रांसफर की जा रही है। योजना का लाभ उन महिलाओं को मिलेगा, जो राज्य की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत पंजीकृत हैं।
मुख्य पात्रता मानदंड:
- महिला झारखंड की स्थायी निवासी होनी चाहिए।
- लाभार्थी का बैंक खाता आधार से लिंक होना आवश्यक है।
- योजना के तहत सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
राशि कब तक मिलेगी?
झारखंड सरकार ने घोषणा की है कि इस योजना के तहत भुगतान प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। सभी पात्र महिलाओं के बैंक खातों में 7,500 रुपये ट्रांसफर किए जा रहे हैं।
राज्य सरकार के अनुसार, यह राशि तीन महीनों (जनवरी, फरवरी और मार्च) की कुल किस्तों के रूप में दी जा रही है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि महिलाएं होली, बाहा पर्व और ईद को खुशीपूर्वक मना सकें और वित्तीय रूप से स्वतंत्र महसूस करें।
कैसे करें आवेदन?
जो महिलाएं इस योजना का लाभ लेना चाहती हैं, उन्हें किसी प्रकार के आवेदन की आवश्यकता नहीं है। झारखंड सरकार लाभार्थियों को सीधे उनके बैंक खातों में राशि भेज रही है। हालांकि, यदि किसी पात्र महिला को अभी तक इस योजना का लाभ नहीं मिला है, तो वे अपने नजदीकी सरकारी कार्यालय या पंचायत भवन में जाकर जानकारी प्राप्त कर सकती हैं।
सरकार की आधिकारिक वेबसाइट (https://www.jharkhand.gov.in) पर भी योजना से संबंधित पूरी जानकारी उपलब्ध कराई गई है।
योजना का प्रभाव और महिला सशक्तिकरण
यह योजना झारखंड की महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे महिलाओं को त्योहारों के दौरान अपने परिवार की जरूरतें पूरी करने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा, यह पहल राज्य सरकार की महिलाओं के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। इससे पहले भी झारखंड सरकार ने महिलाओं के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, जिनमें ‘सखी मंडल योजना’ और ‘मुख्यमंत्री कन्यादान योजना’ शामिल हैं।
आलोचनाएं और चुनौतियां
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की योजनाओं के लिए स्थायी आर्थिक संसाधन सुनिश्चित करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है। इसके अलावा, बैंक खातों और आधार से जुड़ी तकनीकी समस्याएं भी कुछ लाभार्थियों के लिए परेशानी का कारण बन सकती हैं।
विपक्षी दलों ने भी इस योजना पर सवाल उठाए हैं और इसे चुनावी राजनीति से प्रेरित बताया है। उनका कहना है कि सरकार को महिलाओं के लिए दीर्घकालिक सशक्तिकरण योजनाओं पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
सरकार की आगे की योजनाएं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संकेत दिया है कि आने वाले समय में झारखंड सरकार महिलाओं के लिए और अधिक कल्याणकारी योजनाएं लाएगी। इसके तहत स्वरोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं चलाई जाएंगी।
निष्कर्ष
‘मंईया सम्मान योजना’ झारखंड की महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। यह योजना महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। हालांकि, इस योजना के प्रभाव और दीर्घकालिक लाभों का विश्लेषण समय के साथ किया जाएगा।
सरकार की इस पहल से लाखों महिलाओं को सीधे लाभ मिलेगा, जिससे वे अपने परिवार की खुशियों में योगदान दे सकेंगी। यदि आप भी इस योजना से संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो झारखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट (https://www.jharkhand.gov.in) पर जाकर अधिक जानकारी ले सकते हैं।
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