
नीलांचल एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे यात्रियों ने हाल ही में भोजन विक्रेताओं द्वारा अधिक कीमत वसूलने को लेकर चिंता जताई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ खाद्य पदार्थों को वास्तविक कीमत से काफी अधिक दर पर बेचा जा रहा था, जिससे यात्रियों में नाराजगी फैल गई। इस मामले ने रेलवे अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया है, जिन्होंने अब उचित मूल्य निर्धारण और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जांच शुरू कर दी है।
यात्रियों ने की अत्यधिक कीमतों की शिकायत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नीलांचल एक्सप्रेस में यात्रियों से भोजन के लिए अत्यधिक शुल्क वसूला गया। कुछ यात्रियों ने आरोप लगाया कि ₹100 के मूल्य के भोजन को ₹300 तक बेचा जा रहा था, जिससे उनमें असंतोष और अविश्वास की भावना पैदा हुई।
“मुझे कीमत का अंतर देखकर झटका लगा। एक भोजन जो ₹120 का होना चाहिए था, उसे ₹350 में बेचा जा रहा था। जब मैंने विक्रेता से इसका कारण पूछा, तो उसने असभ्य व्यवहार किया और उचित उत्तर देने से इनकार कर दिया,” एक नियमित यात्री ने बताया।
रेलगाड़ियों में अधिक शुल्क वसूलने की समस्या कोई नई नहीं है, लेकिन हाल ही में नीलांचल एक्सप्रेस में हुई घटनाओं ने इस मुद्दे को फिर से उजागर कर दिया है। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की, भारतीय रेलवे और रेल मंत्रालय को टैग करते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की।
रेलवे अधिकारियों की प्रतिक्रिया
यात्रियों की कई शिकायतों के बाद, रेलवे अधिकारियों ने अधिक शुल्क वसूली के दावों की जांच शुरू की है। प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि कुछ भोजन विक्रेताओं ने रेलवे प्रबंधन की जानकारी के बिना कीमतें बढ़ा दी थीं।
रेलवे प्रशासन ने दोषी विक्रेताओं को कड़ी चेतावनी जारी की है और आश्वासन दिया है कि कीमतों के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब अधिकारी भोजन वितरण पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं ताकि यात्रियों का शोषण न हो।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले पर कहा, “हम ऐसी शिकायतों को बहुत गंभीरता से लेते हैं। किसी भी विक्रेता को, जो यात्रियों से अधिक शुल्क वसूलता पाया जाएगा, कड़ी सजा दी जाएगी, जिसमें अनुबंध रद्द करना भी शामिल है। हम यात्रियों से आग्रह करते हैं कि वे ऐसी किसी भी घटना की तुरंत रिपोर्ट करें।”
यात्री अधिक शुल्क वसूली से कैसे बच सकते हैं?
भारतीय रेलवे ने ट्रेनों में भोजन की अधिक कीमत वसूली को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि निगरानी व्यवस्था में अभी भी सुधार की जरूरत है। यात्री निम्नलिखित उपाय अपनाकर खुद को अधिक शुल्क वसूली से बचा सकते हैं:
1. मेनू दरों की जांच करें
भारतीय रेलवे ने ऑनबोर्ड भोजन की मानक मूल्य सूची जारी की है। यात्री इन दरों की जांच आधिकारिक आईआरसीटीसी (IRCTC) वेबसाइट पर कर सकते हैं:
www.irctc.co.in
2. बिल अवश्य लें
विक्रेताओं को यात्रियों को भोजन की खरीद पर प्रिंटेड बिल देना अनिवार्य है। यदि कोई विक्रेता बिल देने से इनकार करता है, तो तुरंत इसकी शिकायत करें।
3. अधिक शुल्क की शिकायत दर्ज करें
यदि किसी यात्री को अधिक शुल्क वसूलने की शिकायत है, तो वे निम्नलिखित माध्यमों से शिकायत दर्ज कर सकते हैं:
भारतीय रेलवे हेल्पलाइन नंबर: 139
“रेल मदद” ऐप (एंड्रॉइड और iOS पर उपलब्ध)
आईआरसीटीसी शिकायत पोर्टल:
www.coms.indianrailways.gov.in
4. ऑनलाइन बुकिंग सेवाओं का उपयोग करें

यात्री अधिकृत विक्रेताओं से बचने के लिए आईआरसीटीसी के ई-कैटरिंग (e-Catering) सेवा के माध्यम से भोजन पहले से बुक कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए देखें:
www.ecatering.irctc.co.in
भारतीय रेलवे में अधिक शुल्क वसूली की पूर्व घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब ट्रेनों में भोजन की अधिक कीमत वसूली की शिकायतें सामने आई हैं। इससे पहले भी कई बड़े मामलों ने रेलवे खानपान सेवाओं में सुधार के लिए कदम उठाने पर मजबूर किया है।
2019: भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि ट्रेनों में भोजन अत्यधिक कीमतों पर बेचा जा रहा था और स्वच्छता मानकों का पालन नहीं किया जा रहा था। इसके बाद रेलवे ने मूल्य निर्धारण नीतियों को संशोधित किया।
2022: राजधानी एक्सप्रेस में भी इसी तरह की शिकायतें दर्ज की गई थीं, जहां विक्रेता भोजन पैकेजों को 50% से अधिक मूल्य पर बेचते पाए गए थे। रेलवे अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद इस मुद्दे को हल किया गया।
इन सुधारों के बावजूद, समय-समय पर उल्लंघन की घटनाएं सामने आती रहती हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि निगरानी प्रणाली कितनी प्रभावी है।
भारतीय रेलवे का निष्पक्ष मूल्य निर्धारण पर जोर
भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ट्रेनों में खानपान सेवाओं की देखरेख करता है। संगठन ने यात्रियों को सस्ती और स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए IRCTC ने निम्नलिखित पहल की हैं:
- डिजिटल बिलिंग प्रणाली विक्रेताओं के लिए अनिवार्य की गई है।
- मेनू पर क्यूआर कोड (QR Code) जो यात्रियों को मूल्य सत्यापित करने की सुविधा देता है।
- फीडबैक प्रणाली जहाँ यात्री भोजन की गुणवत्ता और मूल्य निर्धारण को रेट कर सकते हैं।
आईआरसीटीसी के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम अधिक शुल्क वसूली को रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं और उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं। यात्रियों से अनुरोध है कि वे किसी भी अनियमितता की तुरंत रिपोर्ट करें।”
निष्कर्ष
नीलांचल एक्सप्रेस में भोजन की अधिक कीमत वसूली की घटना ने एक बार फिर भारतीय रेलवे में मूल्य निर्धारण नियमों को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता को उजागर किया है। जबकि रेलवे अधिकारियों ने दोषी विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की है, दीर्घकालिक समाधान जैसे कि बेहतर निगरानी, डिजिटल भुगतान प्रणाली और यात्री जागरूकता आवश्यक हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।
फिलहाल, यात्रियों को सतर्क रहने, आधिकारिक भोजन दरों की जांच करने और किसी भी अधिक शुल्क की शिकायत तुरंत दर्ज करने की सलाह दी जाती है। जैसे-जैसे भारतीय रेलवे अपनी सेवाओं का आधुनिकीकरण कर रहा है, निष्पक्ष मूल्य निर्धारण सुनिश्चित करना यात्री अनुभव को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

Pankaj Kumar is a content writer at The News Ocean, covering admit cards, recruitment, and government schemes. His articles provide readers with detailed insights into application processes, eligibility, and exam updates.
Outside of work, Pankaj enjoys traveling, fitness, and cricket, often participating in local matches on weekends.