WhatsApp Icon ✨ 📢 सिर्फ़ खास लोगों के लिए! अभी जॉइन करो और सबसे पहले अपडेट पाओ! 🔥 👉

Supreme Court Bans Civil Judge Recruitment in Gujarat, जानिए वजह

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में गुजरात में प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (JMFC) की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। यह फैसला मुख्य रूप से इस आधार पर लिया गया कि भर्ती प्रक्रिया में वकीलों के लिए न्यूनतम प्रैक्टिस की अनिवार्यता को शामिल नहीं किया गया था। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ कर रही है, जिसमें यह तय किया जाएगा कि क्या इस पद के लिए उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम वकालत अनुभव आवश्यक होना चाहिए।

भर्ती प्रक्रिया पर क्यों लगी रोक?

गुजरात लोक सेवा आयोग (GPSC) द्वारा जारी भर्ती विज्ञापन में स्पष्ट रूप से उम्मीदवारों के लिए वकील के रूप में न्यूनतम अनुभव की कोई अनिवार्यता नहीं रखी गई थी। इससे संबंधित याचिका में दावा किया गया कि बिना किसी अनुभव के सीधे उम्मीदवारों को न्यायिक पदों पर नियुक्त करना उचित नहीं होगा।

इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात उच्च न्यायालय और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और फिलहाल भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। कोर्ट का कहना है कि जब तक इस विषय पर अंतिम निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक नई नियुक्तियों को रोका जाना चाहिए, ताकि न्यायिक व्यवस्था पर इसका प्रत्यक्ष प्रभाव न पड़े।

न्यूनतम अनुभव की आवश्यकता पर बहस

Supreme Court Bans Civil Judge Recruitment in Gujarat, जानिए वजह

इस मामले का एक प्रमुख पहलू यह है कि कई राज्यों में सिविल जजों की भर्ती के लिए उम्मीदवारों को वकील के रूप में कुछ वर्षों का न्यूनतम अनुभव आवश्यक होता है। हालांकि, गुजरात में इस तरह की कोई अनिवार्यता नहीं थी।

इस पर बहस इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि कई कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि बिना किसी व्यावहारिक कानूनी अनुभव के न्यायिक पद पर नियुक्ति करने से न्यायिक प्रक्रिया की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। वहीं, कुछ अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति ने विधि स्नातक (LLB) की पढ़ाई पूरी की है और आवश्यक परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है, तो उसे न्यायिक सेवा में प्रवेश से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।

न्यायपालिका का दृष्टिकोण

सुप्रीम कोर्ट की इस पीठ में न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति ए.जी. मसीह शामिल हैं। इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने विभिन्न राज्यों की सरकारों और उच्च न्यायालयों से इस मुद्दे पर उनकी राय मांगी थी।

कोर्ट ने यह भी कहा कि विभिन्न राज्यों में अलग-अलग मानदंड अपनाए गए हैं, इसलिए यह आवश्यक है कि इस विषय पर एक स्पष्ट और संतुलित नीति बनाई जाए। यदि कोर्ट यह तय करती है कि न्यायिक सेवा में प्रवेश के लिए न्यूनतम अनुभव आवश्यक होना चाहिए, तो इससे भविष्य की भर्तियों में भी बदलाव आ सकता है।

राज्य सरकार और हाईकोर्ट का रुख

गुजरात सरकार और गुजरात उच्च न्यायालय ने इस फैसले पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। हालांकि, यह माना जा रहा है कि सरकार कोर्ट के समक्ष भर्ती प्रक्रिया का बचाव कर सकती है।

गुजरात लोक सेवा आयोग (GPSC) ने यह दलील दी थी कि यह भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से नियमों के अनुसार की जा रही थी और इसके लिए हाईकोर्ट की सहमति भी प्राप्त थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अब सरकार और हाईकोर्ट को अपना पक्ष अदालत में प्रस्तुत करना होगा।

अगली सुनवाई और संभावित असर

Supreme Court Bans Civil Judge Recruitment in Gujarat, जानिए वजह

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को निर्धारित की है। इस दौरान कोर्ट विभिन्न दलीलों को सुनकर अपना अंतिम निर्णय दे सकता है। यदि कोर्ट यह तय करता है कि सिविल जजों की भर्ती के लिए न्यूनतम अनुभव आवश्यक होना चाहिए, तो इससे देशभर में न्यायिक भर्तियों पर असर पड़ सकता है।

महत्वपूर्ण सरकारी वेबसाइट्स और संबंधित जानकारी:

निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला न्यायिक नियुक्तियों की गुणवत्ता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। यदि कोर्ट यह तय करता है कि न्यूनतम अनुभव अनिवार्य होना चाहिए, तो इससे भविष्य में न्यायिक सेवा परीक्षा के मानदंडों में बदलाव आ सकता है।

इस मामले की अगली सुनवाई से यह साफ होगा कि गुजरात में सिविल जजों की भर्ती प्रक्रिया में कोई बदलाव होगा या नहीं। तब तक के लिए, सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक लागू रहेगी और इस मामले पर देशभर के कानूनी विशेषज्ञों और उम्मीदवारों की नजरें टिकी रहेंगी।

  • Harneet Singh

    Harneet Singh is a writer at The News Ocean, specializing in recruitment updates, government schemes, and general news. He focuses on delivering clear and concise information about job notifications, admit card releases, and government initiatives. In his free time, Harneet enjoys reading historical fiction, exploring new technologies, and practicing photography while discovering the outdoors.

    Related Posts

    Bihar Police Constable Recruitment 2025: 19,888 पदों पर वैकेंसी, आवेदन प्रक्रिया, परीक्षा पैटर्न और जरूरी विवरण

    बिहार पुलिस विभाग ने 2025 में कांस्टेबल भर्ती के लिए 19,888 रिक्तियों की घोषणा कर दी है। यह भर्ती केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के माध्यम से की जाएगी। इच्छुक…

    NVS Contract Teacher Recruitment 2025: आधिकारिक अधिसूचना जारी, आवेदन और चयन प्रक्रिया विवरण

    नई दिल्ली, 12 मार्च 2025: नवोदय विद्यालय समिति (NVS) ने 2025 में संविदा शिक्षकों की भर्ती को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। यह भर्ती देशभर के जवाहर नवोदय विद्यालयों…